400 साल पुराने मंदिर में आधी रात को मूर्तियां करती हैं चमत्कार, कोई नहीं समझ पाया इसका रहस्य…

400 साल पुराने मंदिर में आधी रात को मूर्तियां करती हैं चमत्कार, कोई नहीं समझ पाया इसका रहस्य…

हमारे देश आस्था का देश माना जाता है. जहां पर हर धर्म के इंसान रहते है. यहां असंख्य मंदिर और मस्जिद मौजूद हैं. इनमें से कुछ मंदिर ऐसे हैं जिन्हें रहस्यमयी माना जाता है ऐसा ही एक मंदिर है बिहार में जिसके बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर की मूर्तियां आपस में बातचीत करती है. इस मंदिर का नाम है राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर. इस मंदिर के पास से जो कोई भी गुजरता है उसे ऐसा सुनाई देता है जैसे कि मंदिर के अंदर कोई बुदबुदा रहा है. ये मंदिर बिहार के बक्सर में स्थित है. इस मंदिर को शक्ति पीठ माना जाता है. अपनी इस खासियात की वजह से यह मंदिर पूरे देश में प्रसिद्ध है.

बताया जाता है कि इस मंदिर की स्थापना करीब 400 साल पहले की गई थी. जिसके बाद सुनने में आया है कि इस मंदिर का निर्माण भवानी मिश्र नाम के व्यक्ति ने कराया था. इतना ही नहीं इस मंदिर में मिश्र परिवार ही सेवा करता आया है.बता दें कि इस मंदिर में कई सारे देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं. जिनके बारे में कहा जाता है कि यह मूर्तिया रात को आपस में बात करती हैं. रात को इन मूर्तियों की आवाज सुनकर हर कोई डर जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में कोई भी मनोकामना मांगने पर पूरी हो जाती है.

वहीं इस मंदिर पर तांत्रिकों की अटूट आस्था है. यहां किसी के नहीं होने पर भी कई तरह की आवाजें सुनाई देती हैं. राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर की सबसे अनोखी मान्यता यह है कि निस्तब्ध निशा में यहां स्थापित मूर्तियों से बोलने की आवाजें आती हैं. मध्य-रात्रि में जब लोग यहां से गुजरते हैं तो उन्हें आवाजें सुनाई पड़ती हैं. वैज्ञानिकों की मानें, तो यह कोई वहम नहीं है. इस मंदिर के परिसर में कुछ शब्द गूंजते रहते हैं.

यहां पर वैज्ञानिकों की एक टीम भी गई थी, जिन्होंने रिसर्च करने के बाद कहा कि यहां पर कोई आदमी नहीं है. इस कारण यहां पर शब्द भ्रमण करते रहते हैं. वैज्ञानिकों ने यह भी मान लिया है कि हां पर कुछ न कुछ अजीब घटित होता है, जिससे कि यहां पर आवाज आती हैं. ऐसा माना जाता है कि मुगलों ने देश के कई मंदिरों को ध्वस्त किया था लेकिन वे इन शक्तिपीठों को कभी खंडित नहीं कर पाए. ऐसा दुस्साहस करने वाले काल के मुख में समा गए हैं.

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